क्या आप ख़ुद से अपने स्पर्म को मार रहे हैं? मशहूर जर्नल बीएमजे ओपन के मुताबिक़ हर चार में से एक युवा के स्पर्म की गुणवत्ता कमज़ोर है. पूरी दुनिया में स्पर्म की क्वालिटी में गिरावट की समस्या देखी जा रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह नौकरी, जीवन शैली और कुछ ख़ास केमिकल है. स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट का मतलब है प्रजनन शक्ति में कमी आना. कहीं आपकी जीवन शैली भी तो ऐसी नहीं है जिससे स्पर्म को नुक़सान हो रहा हो?
BBC THREEएक वैश्विक समस्या
बीएमजे ओपन के मुताबिक़ स्पर्म की गुणवत्ता में लगातार गिरावट के कारण 20 फ़ीसदी जोड़े बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं. माना जा रहा है कि यह किसी एक देश की बात नहीं है बल्कि दुनिया भर में ऐसा हो रहा है.
1989 से 2005 के बीच फ्रांसीसी पुरुषों के स्पर्म काउंट में एक तिहाई की गिरावट आई है. पिछले 15 सालों में चीनी पुरुषों के स्पर्म काउंट में भी भारी गिरावट आई है.
BBC THREEआख़िर आपके स्पर्म में ऐसी गिरावट क्यों आ रही है?
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक यदि आप हफ़्ते में 20 घंटे या उससे ज़्यादा टीवी देखते हैं तो सतर्क हो जाइए. स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट का ज़्यादा टीवी देखने से सीधा संबंध है.
SCIENCE PHOTO LIBRARYआर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन के अनुसार मोटापा भी आपके स्पर्म का दुश्मन है. सामान्य वजन वाले पुरुषों के मुकाबले मोटे पुरुषों के स्पर्म बेकार क्वालिटी के होते हैं. 42 फ़ीसदी मोटे लोगों का स्पर्म ख़राब होता है. इसलिए आप अपने खान-पान पर ध्यान दें और साथ ही व्यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं.
BBC THREEनौकरी की वजह से आपकी दिनचर्या पर जो फ़र्क पड़ता है उसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी के मुताबिक माल ढुलाई करने वाले कामगारों और शेफ इस मामले में सबसे ज़्यादा असुरक्षित होते हैं. इनमें स्पर्म की गुणवत्ता से जुड़ा सबसे ज़्यादा जोखिम होता है.
साइंटिफिक रिपोर्ट 2015 के अनुसार स्पर्म की गुवणत्ता कम करने में बिसफिनो ए (बीपीए) केमिकल का भी हाथ होता है. बीपीए आपके घर के कई सामानों में पाया जाता है. यह प्लास्टिक और कॉस्मेटिक चीज़ों में होता है.
BBC THREEएनएचएस 2010 के मुताबिक बीपीए की ज़्यादा मात्रा का स्पर्म डीएनए के नुक़सान से सीधा संबंध है. इससे स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पड़ता है.
हमारी आधुनिक जीवनशैली, आहार और वातावरण के कारण भी स्थिति बिगड़ रही है. अब वक़्त आ गया है कि इस मामले में टालमटोल को छोड़ दें. यदि आपको लगता है कि यह ज़रूरी है तो इसे लोगों से साझा करें.

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